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राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री


    विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के संक्रमण से देश में 3 मई तक चलने वाले लॉक डाउन के वजह से झारखंड के कई लोग राज्य के बाहर फंसे हुए हैं। राज्य सरकार उनकी सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए टॉल फ्री नम्बर्स पर अबतक 31,042 कॉल्स प्राप्त हुए हैं जिसमें राज्य के बाहर 9,22,176 लोगों के फसे होने की सूचना प्राप्त हुई है। इनमें 13,298 जगहों पर 6,24,355 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी प्राप्त हुई है। सभी लोगों के संबंध में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन तक हर स्तर से मदद पहुंचाई जा सके।  

    अब तक सरकार द्वारा 12,276 जगहों पर फंसे 4,76,068 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है।

    राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र में कोविड -19 से संबंधित किसी भी तरह की सहायता हेतु टॉल फ्री नम्बर 181 पर सम्पर्क किया जा रहा है। नियंत्रण केंद्र में  अब तक  कुल 63,014 कॉल आए जिसमें 38,521 कॉल्स कोरोना से संबंधित है। 18,737 मामलों को नियंत्रण केंद्र में ही निष्पादित कर दिया गया। 19,783 मामले की कार्रवाई हेतु संबंधित जिलों एवं विभागों को अग्रसारित कर दिया गया। इनमें से अबतक 14,346 मामलों पर सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। शेष बचे मामलों पर हर संभव कार्रवाई की जा रही है। 

    नियंत्रण केंद्र में खाद्य आपूर्ति से संबंधित 9,739, विधि व्यवस्था से संबंधित 960, चिकित्सा से संबंधित 1,034, झारखंड में फंसे व्यक्ति से संबंधित 1,041 एवं अन्य 1,572 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

     

    पलामू के मेदिनीनगर के 50 लोगों को मिला राशन

    पलामू के मेदिनीनगर शहर की  राशन डीलर निखत परवीन द्वारा अपने वार्ड के  50 राशन कार्ड धारियों का राशन कार्ड अपने पास जमा रख लेने व उन्हें राशन नहीं देने की शिकायत राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र के टॉल फ्री नम्बर 181 पर कॉल कर की गयी।  नियंत्रण केंद्र द्वारा इसकी सूचना जिला आपूर्ति पदाधिकारी पलामू को दी गयी। डीएसओ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राशन डीलर को निलंबित किया और सभी कार्ड धारियों को नजदीक के दूसरे जन वितरण प्रणाली विक्रेता शकुंतला महिला समूह के साथ टैग करते हुए राशन वितरित कराया। 

    बोकारो जिला की सुनीता कुमारी उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरिया में सातवीं कक्षा में पढ़ती हैं। उन्हें सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में विद्यालय द्वारा 21 दिनों के विरुद्ध मात्र 1 किलोग्राम चावल एवं 72 रुपये की राशि ही उपलब्ध करायी गयी। जिसकी शिकायत इन्होंने 181 पर किया जिसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए इसकी सूचना डीएसई बोकारो को दी गई। जिसपर संज्ञान लेते हुए सुनीता कुमारी को चावल और पैसे उपलब्ध कराए गए।

    धनबाद जिला की एक लड़की जो 6 महीने से टीबी से ग्रषित थी उनका लॉक डाउन में अचानक से तबियत बिगड़ गया और एम्बुलेंस भी नहीं मिल पा रहा था। जिसपर उनके परिजनों द्वारा 181 पर सहायता हेतु संपर्क किया गया।कोरोना नियंत्रण कक्ष द्वारा धनबाद के सिविल सर्जन से संवाद स्थापित किया गया एवं सक्रियता दिखाते हुए बच्ची के जीवन की रक्षा की गई।
    हजारीबाग जिला के चौपारण प्रखंड मुख्यालय में संचालित पायल पॉली क्लिनिक द्वारा लॉक डाउन के दौरान एमआरपी से अधिक मूल्य पर सैनिटाइजर की बिक्री की जा रही थी। स्थानीय निवासी ने उक्त क्लीनिक संचालन के विरुद्ध राज्य स्तरीय कोरोना नियंत्रण केंद्र में शिकायत दर्ज कराई । जिसके माध्यम से अनुमंडल पदाधिकारी बरही के संज्ञान में मामले को लाया गया। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए पायल पॉली क्लीनिक में छापेमारी कर तत्काल प्रभाव से क्लिनिक को सील कर दिया गया और चालक के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की गई। 

    मार्च एवं अप्रैल माह का पेंशन दे रही है सरकार 
    राज्य सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा मार्च एवं अप्रैल माह का पेंशन लाभुकों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में राज्य के विभिन्न जिलों में 20,17,978 लोगों को पेंशन दिया जाना है जिसमें से मार्च माह का 17,07,169 लोगों तक पेंशन उपलब्ध करा दिया गया है वहीं अप्रैल माह में भी 20,19,840 लोगों को पेंशन दिया जाना है जिसमें से अब तक 12,88,851 लोगों को पेंशन दिया जा चुका है।

    हर जरुरतमंद को भोजन और खाद्य सामग्री 
    झारखंड सरकार लॉक डाउन में कोई राज्य में भूखे न रहे इस हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों तक भोजन और खाद्य सामग्री पहुचाने का कार्य कर रही है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा लोगों तक विभिन्न योजनाओं के तहत राशन एवं खाना पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही आकस्मिक राहत पैकेट का वितरण भी जरूरतमंदों के बीच किया जा रहा है।

    अब तक 1,79,872 लोगों तक अनाज पहुंचा दिया गया है।

    नन पीडीएस के तहत 2,24,961 लोगों तक अनाज उपलब्ध करा दिया गया है।

    दाल भात के विभिन्न योजनाओं में अब तक 85,15,022 लोगों को खाना खिलाया गया है।

    सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न राहत कैम्पों में 1,97,499 प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है।

    एनजीओ एवं वॉलिंटियर्स के विभिन्न टीमों द्वारा राज्य में विभिन्न जगहों पर 32,68,137 लोगों को खाना खिलाया जा चुका है।

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