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झारखंड के मजदूरों और किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा __ मुख्यमंत्री


    झारखंड के मजदूरों- किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़े l  मजदूरों का पलायन रुके इस दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है l कोरोना संकट को लेकर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को अपने ही गांव और पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा l मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने आज नामकुम स्थित  भारतीय प्राकृतिक रॉल और गोंद संस्थान  के द्वारा लाख  का उत्पादन प्रसंस्करण और उत्पाद निर्माण की दिशा में किए जाने वाले कार्य और अनुसंधान का जायजा लेने के क्रम में कहीं l मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के परिपेक्ष में लाख की खेती और  उसे तैयार होने वाले उत्पादों   के  क्षेत्र में रोजगार का बेहतरीन माध्यम साबित हो सकता है l सरकार की कोशिश है कि  ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को लाख की खेती से   जोड़ा जाए और इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराई जाएगी l

    मुख्यमंत्री ने कहा कि  यह संस्थान देश का इकलौता संस्थान है , जो लाख की खेती और अनुसंधान के लिए कभी पूरी दुनिया में जाना जाता था l लाख की खेती में कभी बड़ी संख्या में ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिलता था, लेकिन दुर्भाग्य से यह संस्थान और लाख की खेती आज विषम परिस्थितियों से गुजर रही है l लाख से उत्पाद बनाने की कला विलुप्त होती जा रही है l लेकिन  फिर से इसे  विकसित करने रोजगार से जुड़ने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी l

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन की दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है l इस सिलसिले में ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा संचालित किए जाने वाले 3 योजनाओं का शुभारंभ हो चुका है  l  और आने वाले दिनों में  इसका दायरा तेजी से बढ़ेगा l इस सिलसिले में रोजगार के क्षेत्र में वैल्यू एडिशन का आकलन सरकार कर रही है और उसी के हिसाब से रोजगार के अवसर लोगों को उपलब्ध कराए जाएंगे l

    मुख्यमंत्री ने कहा कि लाखों की संख्या में मज़दूर  वापस आ रहे हैं l ऐसे में उनको रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है , लेकिन इस चुनौती को हम एक अवसर के रूप में ले रहे हैं l हमने इस दिशा में अपने आंतरिक संसाधनों का आकलन करना शुरू कर दिया है l इसी कड़ी में आज इस संस्थान की गतिविधियों और कार्यों का जायजा लिया गया l  मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है , बस उसे बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना है l हमें उम्मीद है कि सरकार इस कार्य में पूरी तरह सफल साबित होगी और ना सिर्फ यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि दूसरे राज्यों से भी काम करने के लिए यहां मजदूर आएंगे l

    मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संस्थान के पूरे परिसर का भ्रमण किया और किए जाने वाले कार्यों और अनुसंधान  की जानकारी लीl  संस्थान के निदेशक डॉ केके शर्मा ने   मुख्यमंत्री को बताया कि वन के साथ  साथ इसे  कृषि से जोड़ा जाए तो  लोगों को अपने ही गांव और पंचायत में बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा l इससे ना सिर्फ लोगों को  रोजगार मिलेगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा l   निदेशक ने मुख्यमंत्री से कहा कि लाख की   खेती को बिरसा हरित  ग्राम योजना से जोड़ने से काफी फायदा मिलेगा l

    मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में मौजूद म्यूजियम , प्रयोगशाला,  लाख कीट फील्ड जीन बैंक ,उत्पादन इकाई, फार्मिंग परिसर और प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण किया और यहां किए जाने वाले कार्यों गतिविधियों और अनुसंधान  की जानकारी ली l

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