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मुख्यमंत्री ने जन प्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर कोरोना की लड़ाई लड़ने का किया आह्वान


    देश एवं राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए झारखंड सरकार पूरी तरह एक्टिव मोड पर है। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में कोरोना वायरस महामारी के दुष्प्रभाव को देखते हुए राज्य के सभी सांसद एवं सभी विधायकों के साथ झारखंड मंत्रालय से आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक उच्चस्तरीय मैराथन बैठक की। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार सीमित संसाधनों के साथ गरीबों की सहायता में जुटी है। इस विकट परिस्थिति में सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि सीधे ग्रामीणों से जुड़े रहते हैं उनकी शिकायतों, दिक्कतों और परेशानियों से वे अवगत रहते हैं। इस समय हम सभी को एकजुट होकर राज्य की जनता को राहत देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य बनता है कि वर्तमान परिस्थिति में राज्य सरकार द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं उसका पूरा लाभ आम जनता को मिले यह सुनिश्चित कराने में वे अपनी भूमिका निभाए।

    राज्य के 24 जिलों में से 22 जिलों के तीन सांसद श्री विद्युतवरण महतो, श्रीमती गीता कोड़ा एवं राज्यसभा सांसद श्री समीर उरांव सहित 65 विधायकों से मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया। सभी सांसदों और विधायकों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य में किए जा रहे कार्य की सराहना की। जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना को गांव गांव में शुरू करने का सुझाव रखा।

    प्रवासी मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से जल्द मिलेगी सहयोग राशि 

    मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के चलते फंसे हैं। इन प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव आवश्यक कदम उठा रही है। जल्द ही राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को सरकार डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में सहयोग राशि उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि जल्द से जल्द एक ऐसा मैकेनिज्म डेवेलप करें जिससे इन प्रवासी मजदूरों का सारा डिटेल लेकर उन्हें राशि उपलब्ध कराया जा सके।

    योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग करें जनप्रतिनिधि

    मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों एवं विधायकों से उनके क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की प्रगति के संबंध में विस्तृत चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी जाना कि राहत कार्य कितनी प्रभावी ढंग से किए जा रहे है। सभी सांसदों एवं विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपने अपने क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही कोरोना संक्रमण से कैसे निपटा जाय इस संबंध में अपने अनुभवों को साझा किया एवं आवश्यक सुझाव भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखे। मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से चलाये जा रहे राहत कार्य से संबंधित सभी योजनाओं के बारे में उन्हें विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने सभी सांसदों एवं विधायकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान आम जनता को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले। लोंगों को मुख्यमंत्री दाल भात योजना, मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना, थानों में खाने की व्यवस्था का लाभ मिले यह सुनिश्चित कराएं। पीडीएस दुकानों से राशन मिलने में कोई दिक्कत न हो यह भी सुनिश्चित करें। नियमित तौर पर राशन उठाव और राशन वितरण का निरीक्षण करें और कोई अनियमितता या समस्या आने पर सरकार को सूचित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी का जनप्रतिनिधि स्वयं मॉनिटरिंग करें। विपदा की इस घड़ी में अगर कोई राशन डीलर किसी तरह की अनियमितता बरतता है तो उस पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधि स्वयं राशन दुकानों में जा कर राशन बटवाएं ताकि लोगों को कालाबाजारी करने के लिए सोचना पड़े। जो कालाबाजारी करने की कोशिश करता है उसकी शिकायत दर्ज कराएं।

    जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि आपसी समन्वय स्थापित करें

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय सांसदों और विधायकों के साथ-साथ सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर समन्वय स्थापित करें ताकि सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में सहूलियत हो सके। उन्होंने कहा कि कई बार समन्वय की कमी होने के कारण चीजें गड़बड़ होने लगती हैं। कम्युनिकेशन गैप नहीं हो यह सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि सब्जी ट्रांसपोर्टेशन वाले वाहनों को शहर के बाजारों तक घुसने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सब्जी ढोने वाले वाहनों पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। सब्जी लदे वाहनों की सुगमता के लिए हर संभव प्रयासरत रहें। उन्हें किसी प्रकार के पास या लाइसेंस की जरूरत नहीं है। किसानों के हितों को देखते हुए उन्हें आने जाने के संबंध में किसी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए।

    दूध नष्ट ना करें किसान, बल्कि घी बनाएं

    मुख्यमंत्री ने पशुपालक किसानों से आग्रह किया है कि ऐसी खबरें आ रही है कि किसान दूध को नष्ट कर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सत्य है कि पशुपालकों को लौक डाउन की अवधि में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परंतु किसान भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे दूध नाली में गिराकर या फेंक कर नष्ट न करें बल्कि दूध से घी बनाने का कार्य करें।

    राज्य सरकार मेडिकल संसाधनों को बढ़ाने में दे रही है जोर

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल इक्विपमेंट्स बढ़ाने को लेकर सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि थर्मल इस्कैनर, पीपीई किट सहित अन्य मेडिकल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है निरंतर इस ओर कार्य किया जा रहा है। राज्य में जांच केंद्र बढ़ाने एवं वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जा चुका है। जांच केंद्र बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की सहमति अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रयासरत है कि जितनी जल्द हो सके अधिक से अधिक मात्रा में वेंटिलेटर उपलब्ध हो ताकि जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जांच बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है।

    मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत

    वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 जैसे संक्रमण से निपटने के लिए हमें आगे भी मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में राज्य की जनता एवं जनप्रतिनिधियों का आपसी समन्वय होना बहुत ही आवश्यक है। राज्य सरकार के साथ-साथ सभी को इस लड़ाई में अपनी महती भूमिका निभानी पड़ेगी।

    अन्य बीमारियों की भी इलाज में कोई कमी न रहे

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी शिकायतें आयी हैं कि कोरोना वायरस की तैयारी में अस्पतालों में अन्य बीमारियों को लेकर मरीजों को कुछ दिक्कतें आई हैं। अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज में कोई कमी ना रहे यह भी सुनिश्चित कराएं। सरकारी अस्पताल हो या निजी अस्पताल सभी अस्पतालों में मरीजों की देखरेख पहले जैसा ही हो, यह तय करें।

    लॉकडाउन खुलने के बाद बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूर झारखंड लौटेंगे। ऐसी स्थिति में उन सभी मजदूरों की जांच मुकम्मल हो ऐसी व्यवस्था हमें बनाकर रखनी है। व्यवस्था बनाने में हमें अभी से ही मिशन मोड में तैयारी करने की जरूरत है। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए यह सुनिश्चित करें।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी सरकार द्वारा राशन देने का निर्देश दिया गया है। परंतु शिकायतें  आ रही हैं कि उन्हें राशन कहां से प्राप्त होगा इसकी जानकारी नहीं है। जन प्रतिनिधि प्रखंड पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर एक ऐसा स्थान चिन्हित करें जहां से बिना कार्ड धारी लोगों को भी राशन सुगमता पूर्वक उपलब्ध कराया जा सके।

    गरीब, असहाय, मजदूरों के प्रति जनप्रतिनिधि रखें संवेदना

    मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे गरीब, मजदूर, असहाय, सड़क किनारे जीवन गुजर बसर करने वाले लोगों के प्रति संवेदना रखते हुए उन्हें पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण भोजन उप्लब्ध कराने में अपना पूरा सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि संकट के इस घड़ी में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे यह हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों से सेवा और समर्पण भाव से कार्य करने का आग्रह किया। 

    सरकार के निर्देशों का सख्ती से पालन करें 

    राज्य के बाहर से आने वाले एक-एक व्यक्ति पर नजर रखी जा रही है। बाहर राज्य से आने वाले व्यक्ति अथवा एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य जांच अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि आम जनता को लॉक डाउन का सख्ती से अनुपालन करने के लिए उन्हें जागरूक करें। इस समय सुरक्षा ही बचाव है। जो भी लोग राज्य के बाहर से आए हैं उनकी सघन जांच और स्क्रीनिंग करायी जा रही है। गांव के लोग भी बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखने के काम में सहयोग दे रहे हैं। सभी जन प्रतिनिधि  इस समय में एकजुट होकर अपना पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्सेस के साथ-साथ पुलिस पदाधिकारी, प्रशासन, सभी जिला प्रशासन के लोग, झारखंड की समस्त जनता के सुरक्षा एवं सहयोग के लिए अपना दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों के सुझाव को सराहा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के आपके सुझाव भी काफी महत्वपूर्ण हैं, उसे क्रियान्वित करने के लिये राज्य सरकार के सभी विभाग आवश्यक कदम उठायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जानकारी मिलते ही हमलोगों ने आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुये सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया गया। संक्रमण से बचाव के लिए सरकार के स्तर पर हर एहतियाती कदम उठाये गये हैं। इन एहतियीती कदमों का अनुपालन ही हमें इस विकट परिस्थिति से निकाल सकता है। सभी लोगों को आत्मविश्वास बनाए रखना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी सांसदों और विधायकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने विचार, सुझाव और आगे की तैयारी को लेकर अपनी अपनी राय रखी। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विश्वास जताया कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होंगे। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से अपील किया है कि सब लोग अपने घर के अंदर रहें। अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। पैनिक न हों। जरूरत के सामानों की कमी नहीं है। पूरी व्यवस्था मुकम्मल है। लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें। इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्री नितिन मदन कुलकर्णी, सचिव श्री अमिताभ कौशल, डीजीपी श्री एमवी राव, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री गोपालजी तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव श्री सुनील श्रीवास्तव उपस्थित थे।
     

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