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लॉकडाउन में बनी रहे सकारात्मकता, जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है ऑनलाइन कंपटीशन


    झारखंड सरकार द्वारा लौकडाउन के दौरान लोगों के हित के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वह इस कठिन परिस्थिति में अपना धैर्य ना खोएं। इस क्रम में सभी जिलों के प्रशासन द्वारा भी अपने स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। दुमका जिला द्वारा लोगों में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए ऑनलाइन  प्रतियोगिता कराई जा रही है। इस प्रतियोगिता में लोगों को रोज सुबह जिला के सोशल मीडिया पेज पर प्रतियोगिता की शर्तें एवं नियम बताये जाते हैं। जैसे की फैंसी ड्रेस कंपटीशन, मेहंदी कंपटीशन, डिश कंपटीशन इत्यादि। लोगों द्वारा अपने घरों में रहकर ही इस तरह की प्रतियोगिता में भाग लिया जाता है। अपने द्वारा किये गए कार्यों को जिला के पेज पर अपलोड  किया जाता है। इसमें जो  विनर होते हैं उनका नाम अगले दिन सोशल मीडिया पेज पर प्रसारित किया जाता है। लॉक डॉउन खत्म होने के बाद उपायुक्त द्वारा विजेताओं को प्रशस्ति पत्र देने की भी योजना है। इस तरह के प्रयासों से लोगों में सकारात्मक विचार तो बढ़ते ही है एवं उनके अंदर छुपे हुनर से भी वे अवगत हो पाते हैं।

    हजारीबाग की महिला मंडलों द्वारा किया जा रहा पीपीई किट का निर्माण कार्य

    हजारीबाग की महिला मंडलों द्वारा जेएसएलपीएस की मदद से पीपीई किट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह किट स्टैन्डर्ड किट से काफी सस्ती दरों में उपलब्ध होगी। इसकी गुणवत्ता लगभग वैसी ही है जैसा स्टैंडर्ड किट की होती है।  महिला समूह द्वारा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्लास्टिक के उपयोग से पीपीई किट का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक 200 किट तैयार कर हजारीबाग प्रशासन को उपलब्ध भी कराया जा चुका है। इन महिला समूह के माध्यम से सस्ते मास्क का निर्माण भी किया जा रहा है। जिसे सेनिटाइज कर के दोबारा उपयोग में भी लाया जा सकता है। 

    6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है पूरक पोषक आहार 

    लॉक डाउन की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के कारण बच्चों तक पोषक आहार नहीं पहुँच पा रहे इस ओर सकारात्मक पहल करते हुए चाईबासा के  आंगनबाड़ी  कर्मियों द्वारा 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, धात्री महिलाएं एवं सैम (SAM) बच्चों को पूरक पोषक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
     

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